वाराणसी नगर अपने प्राचीनतम मंदिर और गंगा के खूबसूरत घाटों के लिए काफी प्रसिद्ध है, इसलिए वाराणसी को मंदिरों का शहर ( City of temples ) और घाटों का शहर ( City of Ghats ) भी कहा जाता है। आइये हम विस्तार से जानते है की वाराणसी में कितने घाट है (Varanasi Me Kitne Ghat hai), और इनकी क्या क्या विशेषताएं हैं।
वाराणसी में पवित्र गंगा नदी के किनारे लगभग 88 घाट हैं, जिनमे से अधिकांश घाटों को स्नान और पूजा समारोह के लिए उपयोग किया जाता हैं, जबकि इनमे से दो घाटों “मणिकर्णिका घाट ( Manikarnika Ghat ) और हरिश्चंद्र घाट ( Harishchandra Ghat )” का उपयोग विशेष रूप से श्मशान स्थलों ( दाह संस्कार ) के रूप में किया जाता है।
यहाँ पे कई घाट पौराणिक कथाओं से जुड़े हुवे हैं, जबकि कई घाटों का निजी तौर पर स्वामित्व हैं। और यह अस्सी घाट से नमो घाट ( खिड़की घाट ) तक फैला हुआ है। घाटों में गंगा पर सुबह की नाव की सवारी एक लोकप्रिय आगंतुक आकर्षण है।
Varanasi Me Kitne Ghat Hai ( वाराणसी में कितने घाट है उनके नाम? )
वाराणसी में लगभग 88 घाट है, और उन घाटों के नाम निम्नलिखित है। ( Varanasi Me Kitne Ghat Hai, name list )
,1. अस्सी घाट ( Assi Ghat ) | 45. दशाश्वमेध घाट ( Dashashwamedh Ghat ) |
2. मणिकर्णिका घाट ( Manikarnika Ghat ) | 46. तुलसी घाट ( Tulsi Ghat ) |
3. हरिश्चंद्र घाट ( Harishchandra Ghat ) | 47. नमो घाट ( Namo Ghat ) ( खिड़की घाट ) |
4. रीवा घाट ( Rewa Ghat ) | 48. चेत सिंह घाट ( Chet Singh Ghat ) |
5. भदैनी घाट ( Bhadaini Ghat ) | 49. निरंजनी घाट ( Niranjani Ghat ) |
6. जानकी घाट ( Janaki Ghat ) | 50. महानिर्वाणी घाट ( Mahanirvani Ghat ) |
7. आनंदमयी घाट ( Anandmayi Ghat ) | 51. शिवाला घाट ( Shivala Ghat ) |
8. बछराज घाट ( Vaccharaja Ghat ) | 52. गुलरिया घाट ( Gularia Ghat ) |
9. जैन घाट ( Jain Ghat ) | 53. दंडी घाट ( Dandi Ghat ) |
10. निषाद घाट ( Nishad Ghat ) | 54. हनुमान घाट ( Hanuman Ghat ) |
11. प्रभु घाट ( Prabhu Ghat ) | 55. प्राचीन हनुमान घाट (Old Hanuman Ghat) |
12. पंचकोट घाट ( Panchkota Ghat ) | 56. कर्नाटक घाट ( Karnataka Ghat ) |
13. गंगा महल घाट ( Ganga Mahal Ghat ) | 57. लाली घाट ( Lali Ghat ) |
14. विजयनगरम घाट ( Vijaynasgar Ghat ) | 58. मानसरोवर घाट ( Mansarover Ghat ) |
15. केदार घाट ( Kedar Ghat ) | 59. नारद घाट ( Narad Ghat ) |
16. चौकी घाट ( Chauki Ghat) | 60. राजघाट ( Raj Ghat ) |
17. सोमेश्वर घाट ( Someshwer Ghat ) | 61. खोरी घाट ( Khori Ghat ) |
18. पांडे घाट ( Pandey Ghat ) | 62. सर्वेश्वर घाट ( Sarveshvar Ghat ) |
19. दिग्पतिया घाट ( Digpatiya Ghat ) | 63. चौसट्टी घाट ( Chousatti Ghat ) |
20. राणा महल घाट ( Rana Mahal Ghat ) | 64. प्रयाग घाट ( Prayag Ghat ) |
21. दरभंगा घाट ( Darbhanga Ghat ) | 65. राजेंद्र प्रसाद घाट (Rajendra Prasad Ghat) |
22. मुंशी घाट ( Munshi Ghat ) | 66. मन्मन्दिर घाट ( Manmandir Ghat ) |
23. अहिल्याबाई घाट ( Ahilyabai Ghat ) | 67. त्रिपुर भैरवी घाट ( Tripura Bhairavi Ghat ) |
24. शीतला घाट ( Sheetla Ghat ) | 68. मीर घाट ( Meer Ghat ) |
25. नया घाट ( Naya Ghat ) | 69. गणेश मंदिर घाट (Ganesh Mandir Ghat) |
26. राम घाट ( Rama Ghat ) | 70. मेहता घाट ( Mehta Ghat ) |
27. जतरा घाट ( Jatara Ghat ) | 71. राजा ग्वालियर घाट ( Raja Gwalior Ghat ) |
28. बाला घाट ( Bala ghat ) | 72. वेणिमाधव घाट ( Venimadhava Ghat ) |
29. वेणिमाधव घाट ( Venimadhava Ghat ) | 73. पंचगंगा घाट ( Panchganga Ghat ) |
30. पंचगंगा घाट ( Pancaganga Ghat ) | 74. बद्री नारायण घाट (Badri Narayana Ghat) |
31. दुर्गा घाट ( Durga Ghat ) | 75. त्रिलोचन घाट ( Trilochan Ghat ) |
32. ब्रह्मा घाट ( Brahma Ghat ) | 76. गोलाघाट ( Golaghat ) |
33. बूंदी परकोटा घाट ( Parakota Ghat) | 77. अखाड़ा घाट ( Akhara Ghat ) |
34. आदि शीतला घाट ( (Adi)Sitala Ghat ) | 78. रानी घाट ( Rani Ghat ) |
35. लाल घाट ( Lal Ghat ) | 79. संत रविदास घाट ( Sant Ravidas Ghat ) |
36. हनुमानगढ़ी (Hanumanagardhi Ghat) | 80. आदि केशव घाट ( Adi Keshava Ghat ) |
37. गाय घाट ( Gai Ghat ) | 81. प्रहलाद घाट ( Prahalada Ghat ) |
38. बद्रीनारायणघाट(BadriNayaranaGhat) | 82. राजा घाट ( Raja Ghat ) |
39. त्रिलोचन घाट ( Trilochan Ghat ) | 83. नया फूटा घाट ( Naya/Phuta Ghat ) |
40. गोला घाट ( Gola Ghat ) | 84. भोंसले घाट ( Bhosale Ghat ) |
41. नंदू घाट ( Nandu Ghat ) | 85. बाजीराव घाट ( Bajirao Ghat ) |
42. सक्का घाट ( Sakka Ghat ) | 86. जलासें घाट ( Jalaso Ghat ) |
43. तेलियानाला घाट ( Telianala Ghat ) | 87. अमरोहा घाट ( Amroha Ghat ) |
44. फूटा घाट ( Phuta Ghat ) | 88. नेपाली घाट ( Nepali Ghat ) |
गंगा घाट के कुछ प्रसिद्ध घाट ( Some Famous Ghats of Ganga )
वाराणसी में कितने घाट है (Varanasi Me Kitne Ghat Hai) वो तो आप जान लिए , लेकिन कुछ महवत्पूर्ण घाटों के बारे में निचे विस्तार से बताया गया है।
1. अस्सी घाट, वाराणसी ( Assi Ghat , Varanasi )
अस्सी घाट को वाराणसी का दिल कहा जाता है। अस्सी घाट का नाम “असी नामक प्राचीन एक बहुत ही छोटी नदी” के गंगा के साथ संगम के स्थल होने के कारण हुआ था और अस्सी घाट, अस्सी नदी और गंगा नदी के संगम पर स्थित है। ये घाट वाराणसी में स्थित सबसे दक्षिणी घाट है, और इसके आस – पास कई मंदिर और आखाड़े भी स्थित हैं।
पर्यटक यहां पर सुबह और शाम को एक और गंगा आरती का प्रदर्शन देख सकते हैं, जो दशाश्वमेध घाट की तुलना में थोड़ा छोटा है लेकिन फिर भी यहां पे शाम को लोगो का जमावड़ा लगता है। यहाँ पे आरती आमतौर पर शाम को 6:30 बजे के आसपास शुरू हो जाता है।
2. नमो घाट, वाराणसी ( Namo Ghat Varanasi )
इस घाट का पुराना नाम खिड़किया घाट था जिसका पुनर्निर्माण करके इसका नाम अब नमो घाट रख दिया गया है। नमो घाट सूर्य नमस्कार को समर्पित एक बेहतरीन घाट हैं। इस घाट पे नमस्ते मुद्रा में तीन मुर्तिया बनाई गयी है, जो घाट का प्रमुख आकर्षण है। 3 हाथ की मूर्तियों में से एक पुरुष का हाथ, एक स्त्री का हाथ और एक बच्चे का हाथ है। नमो घाट उत्तर प्रदेश के वाराणसी में राजघाट के पास स्थित है।
इस घाट की सबसे खास बात यह है की यहां पे दिव्यांग जनों के लिए घाट पर उतरने का सरल मार्ग बनाया गया है ताकि जो दिव्यांग जन है वो भी आराम से माँ गंगा का दर्शन कर सके। नमो घाट, वाराणसी का एक मात्र ऐसा घाट है, जो वायु, जल और थल तीनों मार्ग से जुड़ा हुआ है, नमो घाट की यही सब खासियत इसे और सभी घाटों से अलग बनती है।
3. मणिकर्णिका घाट, वाराणसी ( Manikarnika Ghat , Varanasi )
मणिकर्णिका घाट गंगा नदी के तट पे स्थित एक महाश्मशान घाट है, कहते है की यहां पे चिता की आग कभी शांत नहीं होती है, ऐसा कहा जाता है कि जिस दिन इस घाट पर चिता नहीं जली वह बनारस के लिए प्रलय का दिन होगा। यहां पे 300 से भी ज्यादा सव को हर रोज जलाया जाता है। हिंदू पौराणिक कथाओं में माना जाता है कि जिस व्यक्ति का अंतिम संस्कार यहां किया जाता हैं उसे मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है।
वाराणसी के इस घाट पे रोज हज़ारो की संख्या में चिताएं जलती हैं, और यहाँ पे 24 घंटे चिता जलती रहती है ये कभी भी नहीं बुझती है। इसीलिए इस घाट को महाश्मशान घाट भी कहते हैं। मणिकर्णिका घाट अनगिनत रहस्यों से भरा हुआ है। इस घाट पे अघोरी बाबा चिता की राख ( भस्म ) से होली खेलते है।
4. दशाश्वमेध घाट, कशी ( Dashashwamedh Ghat )
दशाश्वमेध घाट वाराणसी के सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है, दशाश्वमेध घाट शाम को होने वाली आरती के लिए लोकप्रिय घाट है। धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से दशाश्वमेध घाट का एक अलग ही महत्तव है। यह काशी के सबसे प्रसिद्ध एवं प्रमुख घाटों में से एक है जो उत्तर प्रदेश के वाराणसी में गंगा नदी पर स्थित है, और ये घाट विश्वनाथ मंदिर के पास में ही स्थित है।
गंगा जी में स्नान करने वालों श्रद्धालु सबसे ज्यादा इसी घाट पर आते है। दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती रोजाना शाम को 06:00 बजे से 07:00 बजे तक की जाती है। यहाँ का गंगा आरती विश्व विख्यात है, और यहाँ का गंगा आरती पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
5. हरिश्चंद्र घाट ( Harishchandra Ghat )
वाराणसी काशी घाटों की नगरी के नाम से जानी जाती है, हरिश्चंद्र घाट वाराणसी का एक प्राचीन शमशान घाट है, इस घाट का नाम राजा हरिश्चंद्र के नाम पर रखा गया था। कहा जाता है कि हरिश्चंद्र घाट मणिकर्णिका घाट से भी प्राचीन घाट है, वाराणसी के हरिश्चंद्र घाट पे दूर-दूर से हिंदू अपने प्रिय जनों के शवों को अंतिम संस्कार के लिए लाते हैं।
गंगा घाट के बारे में कुछ रोचक तथ्य ( Fact About Ganga Ghats, Varanasi )
- चेत सिंह घाट का उपयोग महाराजा चेत सिंह को कैद करने के लिए किया जाता था।
- इस शहर में लगभग 88 से अधिक घाट हैं, सबसे प्रसिद्ध दशाश्वमेध घाट, मणिकर्णिका घाट, चेत सिंह घाट, सिंधिया घाट और अस्सी घाट हैं।
- तीर्थयात्री पूजा से पहले स्नान करने के लिए अस्सी घाट का उपयोग करते है।
- दरभंगा घाट एक लक्जरी होटल का स्थान है।
- दशाश्वमेध घाट सबसे पवित्र और पुराने घाटों में से एक है।
- मान मंदिर घाट की वास्तुकला विस्तृत है और ऊपर से शानदार दृश्य दिखाई देता है।
- सिंधिया घाट में कई मंदिर हैं और यह कई तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है।
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वाराणसी के गंगा घाटों का इतिहास ( History Of Ganga Ghats, Varanasi )
वाराणसी के सभी घाटों का निर्माण तो बहुत ही पहले हो चुका था लेकिन 1700 ईस्वी में जब वाराणसी शहर पर मराठा राज्य का हुक्म चल रहा था उस वक्त मराठा साम्राज्य के राजा ने बनारस के गंगा घाट के सभी घाटों का पुनर्निर्माण कराया था। वर्तमान घाटों के संरक्षक मराठा, सिंधिया हैं (सिंधिया ), होलकर ,भोसले और पेशवा ( पेशवाओं )। यहां पे कई घाट पौराणिक कथाओं से जुड़े हैं, जबकि कई घाट निजी स्वामित्व में हैं।
“तू बन जा घाट बनारस की , मैं शाम तलक तुझमे भटकू”
FAQ’s ( Varanasi Me Kitne Ghat Hai )
वाराणसी में सबसे सुंदर घाट कौन सा है?
वाराणसी का सबसे सुंदर घाट नमो घाट (Namo Ghat) है।
काशी में कितने श्मशान घाट है?
काशी में कुल दो श्मशान घाट है, मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट
गंगा आरती के लिए कौन सा घाट सबसे प्रसिद्ध है?
दशाश्वमेध घाट, का गंगा आरती सबसे प्रसिद्ध है।
मणिकर्णिका घाट पर क्या होता है?
यहाँ चौबीसों घंटे शव जलाए जाते हैं और यहां पे चिता की आग कभी शांत नहीं होती।
80 घाट का नाम कैसे पड़ा?
ऐसा कहा जाता है की भगवान शिव के ही एक रूप भगवान रूद्र ने गुस्से में आकर इसी घाट पे 80 राक्षसो ( दैत्य ) का वध कर दिया था, और इसी वजह से इस घाट का नाम अस्सी घाट पड़ा।
निष्कर्ष – Conclusion
हमने इस पोस्ट में आपको वाराणसी में कितने घाट है (Varanasi Me Kitne Ghat Hai) उसके बारे में विस्तार से बताया है, और हमे यह आशा है, की आपको इस लेख को पढ़ने के बाद कुछ न कुछ जानकारी मिली होगी। अगर आपको यह पोस्ट पसंद आया होगा तो आप इसे अपने यारो-दोस्तों में शेयर भी कर सकते है ।
” कशी के कण-कण में भक्ति है, और जो एक बार कशी आया, बस यहीं का हो जाता है। “
।।हर हर महादेव।।
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