50+ Varanasi Me Ghumne Ki Jagah : खर्चा और सम्पूर्ण जानकारी

शिव नगरी के नाम से प्रशिद्ध विश्व के सबसे पुराने शहर वाराणसी में आपका स्वागत है। वाराणसी का पुराना नाम काशी है जिसका वर्णन वेदों और पुराणों में भी किया गया है। वाराणसी नगर अपने प्राचीनतम मंदिर और गंगा के खूबसूरत घाटों के लिए प्रसिद्ध है इसलिए वाराणसी को मंदिरों का शहर ( City of temples ) और घाटों का शहर ( City of Ghats ) भी कहा जाता है।

इस शहर को ‘बनारस’ और ‘काशी’ के नाम से भी जाना जाता हैं । हिन्दू धर्म में सर्वाधिक पवित्र नगरों में से वाराणसी एक है। वाराणसी को प्रायः ‘मंदिरों का शहर’ , ‘भगवान शिव की नगरी’ , ‘भारत की धार्मिक राजधानी’ , ‘दीपों का शहर’ , ‘ज्ञान नगरी’ आदि नाम से भी जाना जाता हैं। आइये आज हम Varanasi Me Ghumne Ki Jagah के बारे में विस्तार से बात करते है।

।। हम बनारसी हैं गुरु हम पर महादेव का साया है, हमारे लिए महादेव ही सब कुछ है ,बाकी सब मोह माया है।।

Table of Contents

Varanasi Me Ghumne Ki Jagah ( Places to Visit in Varanasi )

1. दशाश्वमेध घाट, वाराणसी ( Dashashwamedh Ghat , Varanasi

दशाश्वमेध घाट ( Dashashwamedh Ghat , Varanasi ) 
दशाश्वमेध घाट ( Dashashwamedh Ghat , Varanasi )

दशाश्वमेध घाट शाम की आरती के लिए सबसे लोकप्रिय घाट है। धार्मिक-सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से इस घाट का एक अलग ही महत्तव है। यह काशी के सबसे प्रसिद्ध एवं प्रमुख घाटों में से एक है जो उत्तर प्रदेश के वाराणसी में गंगा नदी पर स्थित है, और ये घाट विश्वनाथ मंदिर के पास में ही स्थित है।

गंगा स्नान करने वालों श्रद्धालुओं की सबसे ज्यादा संख्या इसी घाट पर होती है। दशाश्वमेध घाट पर गंगा जी की आरती प्रतिदिन शाम 6 बजे से 7 बजे तक ( गर्मी और सर्दी/सूर्यास्त समय ) तक की जाती है , और ये गंगा आरती विश्व प्रख्यात है जो की यहां पे आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।

Address:- Dashashwamedh Ghat Rd, Ghats of Varanasi, Godowlia, Varanasi, Uttar Pradesh 221001

2. अस्सी घाट, वाराणसी ( Assi Ghat , Varanasi )

अस्सी घाट ( Assi Ghat , Varanasi )
अस्सी घाट ( Assi Ghat , Varanasi )

अस्सी घाट को वाराणसी का दिल कहा जाता है। अस्सी घाट का नाम “असी नामक प्राचीन एक बहुत ही छोटी नदी”  के गंगा के साथ संगम के स्थल होने के कारण हुआ था। ये घाट वाराणसी में स्थित सबसे दक्षिणी घाट है, और इसके आस – पास कई मंदिर और आखाड़े भी स्थित हैं।

पर्यटक यहां पर सुबह और शाम को एक और गंगा आरती का प्रदर्शन देख सकते हैं, जो दशाश्वमेध घाट की तुलना में थोड़ा छोटा है लेकिन फिर भी यहां पे शाम को लोगो का जमावड़ा लगता है। यहाँ पे आरती आमतौर पर शाम को 6:30 बजे के आसपास शुरू हो जाता है।

Address:- Nagwa Rd, Assi ghat, Shivala, Varanasi, Uttar Pradesh 221005

3. मणिकर्णिका घाट, वाराणसी ( Manikarnika Ghat , Varanasi )

मणिकर्णिका घाट ( Manikarnika Ghat , Varanasi )
मणिकर्णिका घाट ( Manikarnika Ghat , Varanasi )

मणिकर्णिका घाट गंगा नदी के तट पे स्थित एक महाश्मशान घाट है कहते है की यहां पे चिता की आग कभी शांत नहीं होती है यहां पे 300 से भी ज्यादा सव को हर रोज जलाया जाता है ऐसा माना जाता है की यहां पे जिसका अंतिम संस्कार होता है उसे मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है।

वाराणसी के मर्णिकर्णिका घाट पे 24 घंटे चिता जलती रहती है, और यह कभी बुझती नहीं है। इसलिए इस घाट को महाश्मशान कहते हैं, और ये घाट अनगिनत रहस्यों से भरा हुआ है। यहां पे अघोरी बाबा लोग चिता के राख से होली भी खेलते है। मणिकर्णिका घाट भी Varanasi Me Ghumne Ki Jagah में एक महत्वपूर्ण जगह है, यहाँ पे आने के बाद आपको कुछ अलग ही फील होगा, आपको ऐसा लगेगा की आप सांसारिक मोह माया से काफी दूर आ चुके है।

Address:- near Lalita Ghat, Ghats of Varanasi, Lahori Tola, Varanasi, Domari, Uttar Pradesh 221001

4. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी ( Shri Kashi Vishwanath Temple Varanasi )

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी ( Shri Kashi Vishwanath Temple Varanasi )
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी ( Shri Kashi Vishwanath Temple Varanasi )

उत्तर प्रदेश के प्राचीन शहर बनारस के विश्वनाथ गली में स्थित श्री काशी विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव का एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है, जो लगभग 800 किलोग्राम शुद्ध सोने से मढ़ा हुआ है। बहुत से ऐसे हिंदू तीर्थयात्री और पर्यटक है जो श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए हजारों मील की यात्रा करके आते हैं।

काशी विश्वनाथ मंदिर मणिकर्णिका घाट के पास ही एक पवित्र आकर्षण केंद्र है और यह हिंदुओं के सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक है। जो लगभग 800 किलोग्राम शुद्ध सोने से मढ़ा हुआ है। Varanasi Me Ghumne Ki Jagah में ये एक सबसे पवित्र स्थान है।

Address:- Lahori Tola, Varanasi, Domari, Uttar Pradesh 221001

5. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर, बी.एच.यू परिसर ( New Shri Kashi Viswanath Temple, BHU Campus )

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर, बी.एच.यू परिसर ( New Shri Kashi Viswanath Temple, BHU Campus )
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर, बी.एच.यू परिसर ( New Shri Kashi Viswanath Temple, BHU Campus )

इस, श्री विश्वनाथ मंदिर को विश्वनाथ मंदिर और नया विश्वनाथ मंदिर इन दोनों नामो से जाना जाता है जो की BHU Campus में स्थित है। 1930 में पंडित मदन मोहन मालवीय के सहयोग से BHU Campus में कुतुबमीनार से भी ऊंचा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर को बनवाया गया था जो मूल रूप से एक शिव जी का मंदिर है, यहां पे सावन के माह में हज़ारो की तादात में श्रद्धालुओं की भीड़ होती है।

Address:- Banaras Hindu University, Varanasi, Uttar Pradesh 221005

6. नमो घाट, वाराणसी ( Namo Ghat, Varanasi )

नमो घाट, वाराणसी ( Namo Ghat Varanasi in Hindi )
नमो घाट, वाराणसी ( Namo Ghat Varanasi in Hindi )

इस घाट का पुराना नाम खिड़किया घाट था जिसका पुनर्निर्माण करके इसका नाम अब नमो घाट रख दिया गया है। नमो घाट सूर्य नमस्कार को समर्पित एक बेहतरीन घाट हैं। इस घाट पे नमस्ते मुद्रा में तीन मुर्तिया बनाई गयी है, जो घाट का प्रमुख आकर्षण है। 3 हाथ की मूर्तियों में से एक पुरुष का हाथ, एक स्त्री का हाथ और एक बच्चे का हाथ है।

इस घाट की सबसे खास बात यह है की यहां पे दिव्यांग जनों के लिए घाट पर उतरने का सरल मार्ग बनाया गया है ताकि जो दिव्यांग जन है वो भी आराम से माँ गंगा का दर्शन कर सके। नमो घाट, वाराणसी का एक मात्र ऐसा घाट है, जो वायु, जल और थल तीनों मार्ग से जुड़ा हुआ है, नमो घाट की यही सब खासियत इसे और सभी घाटों से अलग बनती है।

एक बात आप को बता दे की अभी हाल में ही Varanasi Me Ghumne Ki Jagah में नमो घाट का नाम शामिल हुआ है। क्यों की इसे बने ज्यादा समय नहीं हुआ है।

Address:- Namo ghat, Rajghat, Varanasi, Suzabad, Uttar Pradesh 221001

7. स्वर्वेद महामंदिर धाम, वाराणसी ( Swarved Mahamandir Dham, Varanasi )

स्वर्वेद महामंदिर धाम ( Swarved Mahamandir Dham, Varanasi )
स्वर्वेद महामंदिर धाम ( Swarved Mahamandir Dham, Varanasi )

स्वर्वेद महामंदिर धाम उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर से 15 किलोमीटर दूर उमरहा में स्थित है। जिसे बनने में तक़रीबन 20 साल का समय लगा और ये 7 मंजिल का महामंदिर दिसंबर 2023 में पूरी तरह से बन के तैयार हुआ। जो की विश्व का सबसे बड़ा ध्यान केंद्र है। यहां पे 20 हजार से अधिक लोग एक साथ बैठकर ध्यान कर सकते हैं।

इस मंदिर की सबसे खास बात यह है की यहां पे भगवन की नहीं बल्कि योग साधना की पूजा की जाती हैं, अगर आप वाराणसी आते है तो यहां पे एक बार जरूर आइयेगा आप को यहां आ के बहुत अच्छा लगने वाला है ये मेरा वादा है। एक बात आप को बता दे की अभी हाल में ही Varanasi Me Ghumne Ki Jagah में स्वर्वेद महामंदिर धाम का नाम शामिल हुआ है। क्यों की इसे भी बने ज्यादा समय नहीं हुआ है, ये दिसंबर 2023 में बन के तैयार हुआ है।

Address:- Umaraha, Mudli, Varanasi, Uttar Pradesh 221112

8. सारनाथ, वाराणसी ( Sarnath, Varanasi Me Ghumne Ki Jagah )

सारनाथ, वाराणसी ( Sarnath , Varanasi )
सारनाथ, वाराणसी ( Sarnath , Varanasi )

अगर आप बौद्ध एवं जैन धर्म के बारे में रूचि रखते है तो आप सारनाथ में घूमने जा सकते हैं।  सारनाथ उत्तर प्रदेश के पूर्वोत्तर भाग में स्थित वाराणसी से 10 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है जहां हर साल लाखो में टूरिस्ट घूमने आते हैं। सारनाथ बौद्ध धर्म के तीर्थ स्थलों की वजह से काफी प्रसिद्ध है।

सारनाथ का प्राचीन नाम ऋषिपतन (इसिपतन या मृगदाव) (हिरनों का जंगल) था, लेकिन अब इसे सारनाथ के नाम से जाना जाता हैं। ‘सारनाथ’ की उत्पत्ति ‘सारंगनाथ’ (मृगों के नाथ) अर्थात् भगवान गौतम बुद्ध से हुई हैं।

Varanasi Me Ghumne Ki Jagah में सारनाथ का हिरण पार्क ही वो जगह है जहां ज्ञान प्राप्ति के बाद गौतम बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था इस उपदेश को लोग “धर्म चक्र प्रवर्तन” के नाम से जानते हैं। सारनाथ में बने सारे स्तूप, मंदिर और मठ बोद्ध एवं जैन धर्म से संबंध रखते हैं।

Address:- Sarnath , Varanasi, Uttar Pradesh 221007 

9. श्री दुर्गा माता मंदिर, दुर्गाकुण्ड वाराणसी ( Shri Durga Mata Temple )

श्री दुर्गा माता मंदिर, दुर्गाकुण्ड वाराणसी ( Shri Durga Mata Temple )
श्री दुर्गा माता मंदिर, दुर्गाकुण्ड वाराणसी ( Shri Durga Mata Temple )

अस्सी घाट से पश्चिम की ओर में केवल पांच मिनट की पैदल दूरी पर, श्री दुर्गा माता मंदिर स्थित है, जो की 300 साल पुराना मंदिर है, और इस मंदिर का उल्लेख ” काशी खंड” में भी मिलता है।  इस मंदिर को ऊपर से नीचे तक चमकीले लाल रंग से रंगा गया है, इस मंदिर के बाई तरफ एक भव्य “दुर्गा कुंड” है।

माता का यह मंदिर प्राचीनतम मंदिरों में से एक माना जाता है। मान्यता है कि यह मंदिर आदिकालीन है। वैसे तो हर समय दर्शनार्थियों का आना जाना लगा रहता है लेकिन नवरात्र में यहां दर्शन और पूजा के लिए भारी भीड़ उमड़ती है। ये जगह Varanasi Me Ghumne Ki Jagah पे आने उन लोगो के लिए है जो हिन्दू धर्म में ज्यादा निष्ठा रखते है। उन्हें यह पे आ के काफी अच्छा लगेगा।

Address:- Durgakund Road, Durgakund, Anandbagh, Bhelupur, Varanasi

10. श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर वाराणसी ( Shri Sankat Mochan Hanuman Mandir Varanasi )

श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर वाराणसी ( Shri Sankat Mochan Hanuman Mandir Varanasi )
श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर वाराणसी ( Shri Sankat Mochan Hanuman Mandir Varanasi )

श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर हिन्दू भगवान हनुमान जी के पवित्र मंदिरों में से एक हैं, संकट मोचन हनुमान मंदिर में प्रतिदिन हजारों पर्यटक आते हैं, जो हनुमान जी को मिठाई ( लाल पेड़ा ) और फूल चढ़ाते हैं। संकट मोचन का अर्थ होता है “परेशानियों अथवा दुखों को हरने वाला”।

आतंकवादी हमला :- 07 मार्च 2006 को वाराणसी में तीन जगहों पे आतंकवादी हमला हुआ था , जिसमे से एक हमला हनुमान जी के इस मंदिर में भी हुआ था।

Address:- Saket Nagar Colony, Sankata Mochan Road, Varanasi, Uttar Pradesh 221005

11. रामनगर का किला, वाराणसी  ( Ramnagar Fort Varanasi )

रामनगर का किला, वाराणसी  ( Ramnagar Fort Varanasi )
रामनगर का किला, वाराणसी  ( Ramnagar Fort Varanasi )

रामनगर के किले का निर्माण सन्न 1750 ईस्वी में काशी नरेश “राजा बलवंत सिंह” के द्वारा कराया गया था, जो मुल्तानी मिट्टी के रंग वाले चुनार के बलुआ पत्थर से बना हुआ हैं। ये किला वाराणसी के गंगा घाट के सामने, गंगा नदी के पूर्वी दाहिने किनारे पर स्थित है। 

यहाँ के संग्रहालय में प्राचीन पांडुलिपियों व ग्रंथों, पुराने फर्नीचर, कारों, शाही पोशाकों, ज़री वस्त्र से सुसज्जित पालकियों, हाथी पर बैठने की चांदी से बनी काठियां राखी हुई हैं। यहां पर एक शस्त्रागार भी है, जिसमें बर्मा (म्यांमार), जापान तथा कुछ अफ्रीकी देशों से लाई गई तलवारें एवं पुरानी बंदूकें हैं तथा खगोलीय घड़ी भी हैं।

Address:- Ramnagar Fort , Ramnagar, Uttar Pradesh 221008

12. तुलसी मानस मंदिर, वाराणसी ( Tulsi Manas Mandir Varanasi )

तुलसी मानस मंदिर, वाराणसी ( Tulsi Manas Mandir Varanasi )
तुलसी मानस मंदिर, वाराणसी ( Tulsi Manas Mandir Varanasi )

तुलसी मानस मंदिर पवित्र नगरी काशी के महत्पूर्ण मंदिरो में से एक हैं। तुलसी मानस मंदिर की अपनी एक अलग ही खासियत है। तुलसी मानस मंदिर की सभी दीवारों पर रामचरितमानस के दोहे और चौपाइयां लिखी गयी हैं, और यह मंदिर इतना सुन्दर हैं की ये आप का मन मोह लेगा।

पहले यहां पे ये भव्य मंदिर नहीं था पहले यहाँ पे सिर्फ एक छोटा सा मंदिर था। ऐसा कहा जाता हैं की सन्न 1964 में कलकत्ता के एक व्यापारी सेठ रतनलाल ने तुलसी मानस मंदिर का भव्य निर्माण करवाया था। मंदिर का उद्घाटन तत्कालीन राष्ट्रपति डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के द्वारा किया गया था।

Address:- Durgakund Rd, near Jalan, Varanasi, Uttar Pradesh 221005

13. भारत माता मंदिर, वाराणसी ( Bharath Mata Mandir Varanasi )

भारत माता मंदिर, वाराणसी ( Bharath Mata Mandir Varanasi )
भारत माता मंदिर, वाराणसी ( Bharath Mata Mandir Varanasi )

भारत माता मंदिर “महात्मा गाँधी कशी विद्यापीठ” के परिसर में स्थित भारत माता को समर्पित है एक विशाल मानचित्र से बना हुआ मंदिर है। भारत माता मंदिर का निर्माण बाबू शिव प्रसाद गुप्ता ने करवाया था, और इसका उद्घाटन सन्न 1936 में महात्मा गांधी के द्वारा किया गया था। यहां किसी ईश्वर की मूर्ति नही है ,बल्कि अविभाजित भारत की संगमरमर पर उकेरी गई भौगोलिक मानचित्र है

भारत माता मंदिर में मौजूद ये भारत का नक्शा आजादी से पहले के अखंड भारत को दर्शाता है, भारत माता मंदिर में राष्ट्र कवि मैथलीशरण गुप्ता ने एक कविता भी लिखी थी, जो मंदिर में अभी भी नजर आती है। इस कविता का सार देशवाशियों को एकता के धागे में पिरोना है। ये जगह भी वाराणसी के एक शानदार टूरिस्ट अट्रैक्शन है।

Address:-  Kamla Nagar, Guru Nanak Nagar Colony, Chetganj, thana, Varanasi, 221003

14. दीनदयाल हस्तकला संकुल, वाराणसी ( Deendayal Hasthkala Sankul )

दीनदयाल हस्तकला संकुल, वाराणसी ( Deendayal Hasthkala Sankul  )
दीनदयाल हस्तकला संकुल, वाराणसी ( Deendayal Hasthkala Sankul  )

वाराणसी के बड़ा लालपुर ( चांदमारी ) क्षेत्र में स्थित दीनदयाल हस्तकला संकुल का निर्माण मुख्य रूप से बुनकरों की हालत को सुधारने के लिए किया गया है। Varanasi Me Ghumne Ki Jagah में ये भी एक काफी खूबसूरत जगह है।

  • यहाँ पे आपको हाथी के दांत की नक्काशी, लकड़ी की वस्तुएं, पीतल के बर्तन आदि देखने को मिल जायेंगे।
  • यहाँ पे आपको विभिन्न प्रकार के जटिल कला वाले कालीन उनकी बुनाई आदि देखने के लिए मिल जाएगी।
  • यहाँ पे आपको विभिन्न प्रकार के चित्र और कला कृतियाँ देखने के लिए मिल जाएगी।
  • यहाँ पे आपको विभिन्न प्रकार के कपड़ो और हथकरघा का संग्रहण मिल जायेगा।
  • दीनदयाल हस्तकला संकुल ईमारत की दीवारों पर थ्री डी इफ़ेक्ट के जरिये काशी के घाट, काशी की गलियों का जीवन, खान पान इस तरह से चलते हुए दिखाए गए है कि यह सभी चीज़े जीवंत लगती है।

Address:- Bada Lalpur, Chandmari, Varanasi, Airhe, Uttar Pradesh 221002

15. मां अन्नपूर्णा मंदिर, वाराणसी  ( Maa Annapurna Mandir )

मां अन्नपूर्णा मंदिर, वाराणसी  ( Maa Annapurna Mandir )
मां अन्नपूर्णा मंदिर, वाराणसी  ( Maa Annapurna Mandir )

काशी विश्वनाथ मंदिर के पास ही अन्न की देवी मां अन्नपूर्णा का मंदिर है। इन्‍हें तीनों लोकों की माता माना जाता है। कहा जाता है कि इन्‍होंने स्‍वयं भगवान शिव को खाना खिलाया था। इस मंदिर की दीवाल पर चित्र बने हुए हैं।

साल में सिर्फ चार दिन धनतेरस से अन्नकूट तक देवी के इस स्वरूप का दर्शन भक्तों को होता है। दर्शन करने आने वालों को मां के प्रसाद के रूप में चावल, धान का लावा और सिक्का दिया जाता है।

Address:- Panchaganga Ghat, Ghasi Tola, Varanasi, Domari, Uttar Pradesh 221001

16. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय ( Banaras Hindu University )

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय ( Banaras Hindu University )
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय ( Banaras Hindu University )

एशिया का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय यानी बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, जिसकी स्थापना प्रसिद्ध नेता मदन मोहन मालवीय ने की थी, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित शिक्षा मंदिर है, जो पवित्र शहर वाराणसी में स्थित है।

इस रचनात्मक और नवोन्मेषी विश्वविद्यालय की स्थापना महान राष्ट्रवादी नेता पंडित मदन मोहन मालवीय ने 1916 में डॉ. एनी बेसेंट जैसी महान हस्तियों के साथ घनिष्ठ सहयोग से की थी,

बनारस हिन्दू विश्विद्यालय BHU ने हल में ही 2016 में अपनी स्थापना का 100 वां वर्ष पूरा किया हैं। इस अवसर पे BHU को समर्पित RBI के द्वारा बनारस हिन्दू विश्विद्यालय के शाब्दिक वर्ष को चित्रित करके 10 रुपए का सिक्का जारी किया गया।

Address:- BHU,  Ajagara, Varanasi, Uttar Pradesh 221005

17. Varanasi Me Ghumne Ki Jagah ( Places to Visit in Varanasi )

इन सभी जगहों के आलावा भी  Varanasi Me Ghumne Ki Jagah बहुत सारी  है , जैसे :-

  1. मृत्युंजय महादेव मंदिर ( Mrityunjay Mahadev Temple Of Varanasi )
  2. राजघाट ( RajGhat Varanasi )
  3. काल भैरव मंदिर ( Kaal Bhairav Mandir, Varanasi )
  4. हरिश्चंद्र घाट ( Harishchandra Ghat, varanasi )
  5. मान सिंह वेधशाला ( Man Mahal Observatory )
  6. संत रविदास स्मारक पार्क ( Sant Ravidas Smarak Park )
  7. धामेक स्तूप ( Dhamek Stupa, Sarnath ” Best Varanasi Me Ghumne Ki Jagah ” )
  8. डियर पार्क ( Sarnath Deer Park )
  9. सारनाथ संग्रहालय ( Sarnath Museum )
  10. चौखंडी स्तूप ( Chaukhandi Stupa Sarnath )

वाराणसी के कुछ रोचक तथ्य ( Amazing Fact Of Varanasi )

  • बनारस को भगवान शिव के निवास स्थान के रूप में जाना जाता है।
  • इस शहर में 80 से अधिक घाट हैं, सबसे प्रसिद्ध दशाश्वमेध घाट, मणिकर्णिका घाट, चेत सिंह घाट, सिंधिया घाट और अस्सी घाट हैं।
  • वाराणसी अपनी बनारसी सिल्क साड़ियों के लिए भी प्रसिद्ध है, इतिहासकारों का मानना है कि वाराणसी में वैदिक काल से रेशम के काम होता आ रहा है।
  • कहा जाता है कि जो व्यक्ति अपनी अंतिम सांस यहां लेता है, वह वास्तव में मोक्ष को प्राप्त करता है।
  • वाराणसी में हर साल इंद्र देवता को प्रसन्न करने के लिए मानसून के आने से पहले मेंढकों की शादी अश्वमेध घाट में की जाती है।
  • बनारस में एशिया का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय है।
  • यहां का बनारसी पान पूरे देश में इसी नाम से बिकता है, लेकिन इस पान का प्रामाणिक स्‍वाद इसके मूल स्‍थान पर ही मिलता है।
  • वाराणसी मुंशी प्रेमचंद, तुलसीदास, भारतेन्दु हरिश्चंद्र, नज़ीर बनारसी, पंडित रविशंकर, शहनाई के उस्ताद- उस्ताद बिस्मिल्ला खान, ठुमरी की रानी- गिरिजा देवी जैसे कई महान लोगों का जन्‍म स्‍थान वाराणसी है।
  • बनारस सिल्क व्यापार के लिए बहुत प्रसिद्ध है।

वाराणसी का इतिहास ( History of Varanasi , Varanasi Me Ghumne Ki Jagah )

गंगा के बाएं किनारे पर, हिंदुओं के सात पवित्र शहरों में से एक वाराणसी विश्व के प्राचीनतम बसे शहरों में से एक है। ये भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का एक प्रसिद्ध नगर है। इसे ‘बनारस’ और ‘काशी’ के नाम से भी जाना जाता हैं, और हिन्दू धर्म में सर्वाधिक पवित्र नगरों में से एक माना जाता है।

इसके अलावा बौद्ध एवं जैन धर्म में भी इसे पवित्र माना जाता है। वाराणसी की संस्कृति का गंगा नदी, श्री कशी विश्वनाथ मन्दिर एवं इसके धार्मिक महत्त्व से अटूट रिश्ता है। ये शहर सहस्रों वर्षों से भारत का, विशेषकर उत्तर भारत का सांस्कृतिक एवं धार्मिक केन्द्र रहा है।

प्रसिद्ध अमरीकी लेखक मार्क ट्वेन लिखते हैं:- बनारस इतिहास से भी पुरातन है, परंपराओं से पुराना है, किंवदंतियों (लीजेन्ड्स) से भी प्राचीन है और जब इन सबको एकत्र कर दें, तो उस संग्रह से भी दोगुना प्राचीन है

वाराणसी में रुकने की जगह ( Places to Stay in Varanasi )

वाराणसी घूमने जाने वाले पर्यटकों के लिए वाराणसी में रुकने की बहुत सारी व्यवस्था है। वाराणसी में जितने भी पर्यटक स्थल है, उनके आस-पास ही बहुत सारे होटल और धर्मशालाएं बनी हुई है, जहां व्यक्ति आराम से रुक सकता है और यहां पे होटल का किराया 800 रुपए से 5000 रुपए तक के है और आप को होटल बहुत ही आराम से मिल जायेंगे।

वाराणसी में घूमने का खर्चा ( Budget To Visit In Varanasi )

अभी तक तो हम Varanasi Me Ghumne Ki Jagah के बारे में बात किये लेकिन अब हम वाराणसी में घूमने के खर्चे की बात करे तो प्रति व्यक्ति 8000 रुपए से 12,000 रुपए का खर्चा 3 दिन के टूर में बहुत ही आराम से आ सकता है, और आप इतने बजट में Varanasi Me Ghumne Ki Jagaho पे आराम से और अच्छे से घूम सकते हैं।

वाराणसी का प्रसिद्ध भोजन ( Famous food of Varanasi )

आइए जानते हैं विस्तार से :- आज हम आपको वाराणसी के कुछ प्रशिद्ध भोजनो के बारे में बताते है :-

  • कचौड़ी – सब्जी
  • बनारसी पान
  • रबड़ी – जलेबी
  • बाटी – चोखा
  • मलाई मिठाई ( मलइयो )
  • कचौड़ी और जलेबी
  • बनारसी ठंडाई

वाराणसी कैसे पहुंचे? ( How to Reach Varanasi )

वाराणसी, उत्तर प्रदेश के मुख्य शहरों में से एक है। आप यहा पे भारत के किसी भी कोने से बहुत ही आसानी से पहुंच सकते है । वाराणसी वह स्थान है जहाँ पे आप हवाई , सड़क या रेल मार्ग किसी से भी पहुंच सकते है । वाराणसी पहुंचने के कुछ सर्वोत्तम तरीकों को नीचे बताया गया है ।

1.फ्लाइट से वाराणसी कैसे जाएं ? ( How To Reach Varanasi by Flight )

वाराणसी शहर का नजदीकी हवाई अड्डा “लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा” है। लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा वाराणसी शहर से 23 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। चूंकि यह एक इंटरनेशनल एयरपोर्ट है इस वजह से यहां के लिए भारत के तकरीबन सभी बड़े शहरों से फ्लाइट आसानी से मिल जाती है।

आप अपने यहां से फ्लाइट के माध्यम से लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा  पर पहुंचने के बाद यहां पर चलने वाले स्थानीय परिवहन जैसे – कैब , ऑटो रिक्शा , टैक्सी या ई- रिक्शा आदि की सहायता से आप वाराणसी बहुत ही आसानी से पहुंच सकते हैं।

2. ट्रेन से वाराणसी कैसे पहुँचे ? ( How To Reach Varanasi by Train )

आप ट्रेन से काफी आसानी से वाराणसी पहुंच सकते हैं। क्योंकि वाराणसी के नजदीकी और मुख्य रेलवे स्टेशन वाराणसी में ही स्थित वाराणसी जंक्शन है। वाराणसी जंक्शन भारत के प्रमुख रेलवे जंक्शन में से एक माना जाता है। यहां के लिए भारत के अलग-अलग बड़े शहरों से ट्रेन आसानी से मिल जाती है।

आप अपने यहां से आसानी से वाराणसी जंक्शन  आ सकते है । फिर वाराणसी जंक्शन पर पहुंचने के बाद यहां पर चलने वाले स्थानीय परिवहन जैसे – कैब , ऑटो रिक्शा , टैक्सी या ई- रिक्शा आदि की सहायता से आप वाराणसी के किसी भी क्षेत्र में बहुत ही आसानी से पहुंच सकते हैं।

3. सड़क मार्ग से वाराणसी कैसे पहुँचे ? ( How To Reach Varanasi by Road )

वाराणसी कई अन्य प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है, सड़क मार्ग की सहायता से अगर आप वाराणसी जाने के बारे मे सोच रहे हैं तो भी आप बिलकुल आसानी से वाराणसी सड़क मार्ग से पहुंच सकते हैं। क्योंकि वाराणसी भारत के तकरीबन सभी क्षेत्रों से सड़क मार्ग से काफी अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है तो आप आसानी से सड़क मार्ग से वाराणसी पहुंच सकते हैं।

FAQ’s ( Varanasi Me Ghumne Ki Jagah )

क्या काशी विश्वनाथ में मोबाइल की अनुमति है?

नहीं, काशी विश्वनाथ में मोबाइल की अनुमति नहीं है।

वाराणसी का सबसे फेमस क्या है?

वाराणसी का सबसे फेमस, दशाश्वमेध घाट, अस्सी घाट, काशी विश्वनाथ मंदिर और स्वर्वेद महामंदिर धाम है।

क्या काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रवेश निशुल्क है?

हां। काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रवेश निशुल्क है।

वाराणसी में घूमने के लिए कितने दिन चाहिए?

अगर आप वाराणसी अच्छे से घूमना चाहते है, तो आपको कम से कम तीन दिन तो लग ही जायेंगे।

वाराणसी घूमने का सबसे अच्छा समय क्या है?

वाराणसी घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से फरवरी के महीनों के बीच है।

Conclusion :- ( Varanasi Me Ghumne Ki Jagah )

हमने इस पोस्ट में आपको Varanasi Me Ghumne Ki Jagah के बारे में बहुत ही विस्तार से बताया है और हमे आशा है की आपको इस पोस्ट को पढ़ने के बाद बहुत सारी जानकारी मिली होगी । अगर आपको यह पोस्ट अच्छा लगा होगा तो आप इसे अपने दोस्तों में शेयर भी कर सकते है । धन्यवाद ………….🙏

” वाराणसी के कण-कण में भक्ति है, और जो एक बार यहाँ आया, बस यहीं का हो जाता है। “

।।हर हर महादेव।।

यह भी पढ़ें :-

1. Swarved Mahamandir Dham in Hindi : खर्चा और घूमने की सम्पूर्ण जानकारी

2. 12+ Sarnath Me Ghumne Ki Jagah – सारनाथ में घूमने की जगह

Leave a Comment