शिव नगरी के नाम से प्रशिद्ध विश्व के सबसे पुराने शहर वाराणसी में आपका स्वागत है। वाराणसी का पुराना नाम काशी है जिसका वर्णन वेदों और पुराणों में भी किया गया है। वाराणसी नगर अपने प्राचीनतम मंदिर और गंगा के खूबसूरत घाटों के लिए प्रसिद्ध है इसलिए वाराणसी को मंदिरों का शहर और घाटों का शहर भी कहा जाता है।
इस शहर को ‘बनारस’ और ‘काशी’ के नाम से भी जाना जाता हैं । हिन्दू धर्म में सर्वाधिक पवित्र नगरों में से वाराणसी एक है। वाराणसी को प्रायः मंदिरों का शहर, भगवान शिव की नगरी, भारत की धार्मिक राजधानी, दीपों का शहर, ज्ञान नगरी आदि नाम से भी जाना जाता हैं। आइये आज हम Varanasi Me Ghumne Ki Jagah के बारे में विस्तार से बात करते है।
Varanasi Me Ghumne Ki Jagah ( Places to Visit in Varanasi )
1. दशाश्वमेध घाट, वाराणसी ( Dashashwamedh Ghat , Varanasi )
दशाश्वमेध घाट शाम की आरती के लिए बहुत ही फेमस घाट है। धार्मिक, ऐतिहासिक और आधात्मिक दृष्टि से दशाश्वमेध घाट का एक अलग ही महत्तव है। यह वाराणसी के सबसे प्रसिद्ध और प्रमुख घाटों में से एक है, जो उत्तर प्रदेश के वाराणसी में गंगा नदी के तट पर स्थित है। दशाश्वमेध घाट श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के पास में ही स्थित है।
गंगा स्नान करने वालों श्रद्धालुओं की सबसे ज्यादा संख्या इसी घाट पर होती है। दशाश्वमेध घाट पर गंगा जी की आरती प्रतिदिन शाम 6 बजे से 7 बजे तक ( गर्मी और सर्दी/सूर्यास्त समय ) तक की जाती है , और ये गंगा आरती विश्व प्रख्यात है जो की यहां पे आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
Address:- दशाश्वमेध घाट रोड, गोदौलिया, वाराणसी, उत्तर प्रदेश – 221001
2. अस्सी घाट, बनारस ( Assi Ghat , Banaras )
अस्सी घाट को काशी का ह्रदय कहा जाता है। अस्सी घाट का नाम “असी नाम के एक प्राचीन एक बहुत ही छोटी नदी” के गंगा के साथ संगम के स्थल होने के कारण हुआ था। ये घाट वाराणसी में स्थित सबसे दक्षिणी घाट है, और इसके आस – पास कई मंदिर और आखाड़े भी स्थित हैं।
आप यहाँ पे सुबह और शाम को गंगा जी की आरती को भी देख सकते हैं, जो दशाश्वमेध घाट की तुलना में थोड़ा छोटा है, लेकिन फिर भी यहाँ पर शाम को लोगो का जमावड़ा लगता है। यहाँ पे आरती आमतौर पर शाम को 6:30 बजे के आसपास शुरू हो जाता है।
Address:- नगवा रोड, अस्सी घाट, शिवाला, वाराणसी, उत्तर प्रदेश – 221005
3. मणिकर्णिका घाट, वाराणसी ( Manikarnika Ghat , Varanasi )
मणिकर्णिका घाट वाराणसी के गंगा नदी के तट पर स्थित एक महाश्मशान घाट है, यहां पे चिता की आग कभी शांत नहीं होती है, हमेसा जलती रहती है, यहां पे lagbhag 300 से भी ज्यादा सव को हर रोज जलाया जाता है ऐसा माना जाता है की यहां पे जिसका अंतिम संस्कार होता है उसे मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है।
वाराणसी के इस घाट पर 24 घण्टे चिताएं जलती रहती है, और यह कभी नहीं बुझती है, इसलिए इस घाट को महाश्मशान कहा जाता हैं, और ये घाट लाखो रहस्यों से भरा हुआ है। यहां पे अघोरी बाबा लोग चिता के राख से होली भी खेलते है। मणिकर्णिका घाट भी Varanasi Me Ghumne Ki Jagah में एक महत्वपूर्ण जगह है, यहाँ पे आने के बाद आपको कुछ अलग ही फील होगा, आपको ऐसा लगेगा की आप सांसारिक मोह माया से काफी दूर आ चुके है।
Address:- ललिता घाट के पास, लाहोरी टोला, वाराणसी, डोमरी, उत्तर प्रदेश – 221001
4. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ( Shri Kashi Vishwanath Temple )
उत्तर प्रदेश के प्राचीन शहर वाराणसी के विश्वनाथ गली में स्थित “श्री काशी विश्वनाथ मंदिर” भोलेनाथ का एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है, जो लगभग 800 किलोग्राम शुद्ध सोने से मढ़ा हुआ है। बहुत से ऐसे हिंदू तीर्थयात्री और पर्यटक है जो श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए हजारों मील की यात्रा करके आते हैं।
काशी विश्वनाथ मंदिर मणिकर्णिका घाट के पास में ही एक पवित्र स्थान है। इस मंदिर को हिंदुओं के सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक मन जाता है। ये मंदिर लगभग 800 किलोग्राम शुद्ध सोने से मढ़ा हुआ है। Varanasi Me Ghumne Ki Jagah में ये एक सबसे पवित्र स्थान है।
Address:- लाहोरी टोला, वाराणसी, डोमरी, उत्तर प्रदेश – 221001
5. बी.एच.यू श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ( New Shri Kashi Viswanath Temple, BHU Campus )
इस, श्री विश्वनाथ मंदिर को विश्वनाथ मंदिर और नई विश्वनाथ मंदिर इन दोनों नामो से जाना जाता हैं, जो की B.H.U Campus में स्थित है। 1930 में पंडित मदन मोहन मालवीय के सहयोग से BHU Campus में कुतुबमीनार से भी ऊंचा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर को बनवाया गया था जो मूल रूप से एक शिव जी का मंदिर है, यहां पे सावन के माह में हज़ारो की तादात में श्रद्धालुओं की भीड़ होती है।
Address:- Banaras Hindu University, Varanasi, Uttar Pradesh 221005
6. नमो घाट, वाराणसी ( Namo Ghat, Varanasi )
इस घाट का पुराना नाम खिड़किया घाट था जिसका पुनर्निर्माण करके इसका नाम अब नमो घाट रख दिया गया है। नमो घाट सूर्य नमस्कार को समर्पित एक बेहतरीन घाट हैं। इस घाट पे नमस्ते मुद्रा में तीन मुर्तिया बनाई गयी है, जो घाट का प्रमुख आकर्षण है। 3 हाथ की मूर्तियों में से एक पुरुष का हाथ, एक स्त्री का हाथ और एक बच्चे का हाथ है।
नमो घाट की सबसे अच्छी बात यह है की यहां पे दिव्यांगों के लिए घाट पर चढ़ने व उतरने का सरल मार्ग बनाया गया है, ताकि जो दिव्यांग व्यक्ति हैं, वो भी आराम से माँ गंगा का दर्शन कर सके। नमो घाट, वाराणसी का एक मात्र ऐसा घाट है, जो वायु, जल और थल तीनों मार्ग से जुड़ा हुआ है, नमो घाट की यही सब खासियत इसे और सभी घाटों से अलग बनती है।
Address:- Namo ghat, Rajghat, Varanasi, Suzabad, Uttar Pradesh 221001
7. स्वर्वेद महामंदिर धाम, बनारस ( Swarved Mahamandir Dham, Varanasi )
यह मंदिर उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर के उमरहा में स्थित है। जिसे पूर्ण रूप से तैयार होने में लगभग 20 साल का समय लग गया। ये सात मंजिला महामंदिर दिसंबर 2023 में पूरी तरह से बन के तैयार हुआ। जो की विश्व का सबसे बड़ा ध्यान केंद्र है। यहां पे 20 हजार से अधिक लोग एक साथ बैठकर ध्यान कर सकते हैं।
स्वर्वेद महामंदिर धाम की सबसे खास बात यह है, की यहां पे भगवन की पूजा नहीं की जाती बल्कि योग साधना की पूजा की जाती हैं, अगर आप वाराणसी घूमने आते है तो स्वर्वेद महामंदिर एक बार जरूर आइयेगा आप को यहां आ के बहुत अच्छा लगने वाला है ये मेरा वादा है। एक बात आप को बता दे की अभी हाल में ही Varanasi Me Ghumne Ki Jagah में स्वर्वेद महामंदिर धाम का नाम शामिल हुआ है। क्यों की इसे भी बने ज्यादा समय नहीं हुआ है, ये दिसंबर 2023 में बन के तैयार हुआ है।
Address:- Umaraha, Mudli, Varanasi, Uttar Pradesh 221112
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8. सारनाथ, वाराणसी ( Sarnath, Varanasi Me Ghumne Ki Jagah )
अगर आप बौद्ध एवं जैन धर्म के बारे में रूचि रखते है तो आप सारनाथ में घूमने जा सकते हैं। सारनाथ उत्तर प्रदेश के पूर्वोत्तर भाग में स्थित वाराणसी से 10 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है जहां हर साल लाखो में टूरिस्ट घूमने आते हैं। सारनाथ बौद्ध धर्म के तीर्थ स्थलों की वजह से काफी प्रसिद्ध है। सारनाथ का प्राचीन नाम “ऋषिपतन” था, लेकिन अब इसे “सारनाथ” के नाम से जाना जाता हैं।
Varanasi Me Ghumne Ki Jagah में सारनाथ का हिरण पार्क ही वो जगह है जहां ज्ञान प्राप्ति के बाद गौतम बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था इस उपदेश को लोग “धर्म चक्र प्रवर्तन” के नाम से जानते हैं। सारनाथ में बने सारे स्तूप, मंदिर और मठ बोद्ध एवं जैन धर्म से संबंध रखते हैं।
Address:- Sarnath , Varanasi, Uttar Pradesh 221007
9. श्री दुर्गा माता मंदिर, दुर्गाकुण्ड वाराणसी ( Shri Durga Mata Temple )
अस्सी घाट से पश्चिम की ओर में केवल पांच मिनट की पैदल दूरी पर, श्री दुर्गा माता मंदिर स्थित है, जो की 300 साल पुराना मंदिर है, और इस मंदिर का उल्लेख ” काशी खंड” में भी मिलता है। इस मंदिर को ऊपर से नीचे तक चमकीले लाल रंग से रंगा गया है, इस मंदिर के बाई तरफ एक भव्य “दुर्गा कुंड” है।
माता का यह मंदिर प्राचीनतम मंदिरों में से एक माना जाता है। मान्यता है कि यह मंदिर आदिकालीन है। वैसे तो हर समय दर्शनार्थियों का आना जाना लगा रहता है लेकिन नवरात्र में यहां दर्शन और पूजा के लिए भारी भीड़ उमड़ती है। ये जगह Varanasi Me Ghumne Ki Jagah पे आने उन लोगो के लिए है जो हिन्दू धर्म में ज्यादा निष्ठा रखते है। उन्हें यह पे आ के काफी अच्छा लगेगा।
Address:- Durgakund Road, Durgakund, Anandbagh, Bhelupur, Varanasi
10. श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर वाराणसी ( Shri Sankat Mochan Hanuman Mandir Varanasi )
श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर हिन्दू भगवान हनुमान जी के पवित्र मंदिरों में से एक हैं, संकट मोचन हनुमान मंदिर में प्रतिदिन हजारों पर्यटक आते हैं, जो हनुमान जी को मिठाई ( लाल पेड़ा ) और फूल चढ़ाते हैं। संकट मोचन का अर्थ होता है “परेशानियों अथवा दुखों को हरने वाला”।
आतंकवादी हमला :- 07 मार्च 2006 को वाराणसी में तीन जगहों पे आतंकवादी हमला हुआ था , जिसमे से एक हमला हनुमान जी के इस मंदिर में भी हुआ था।
Address:- Saket Nagar Colony, Sankata Mochan Road, Varanasi, Uttar Pradesh 221005
11. रामनगर किला, वाराणसी ( Ramnagar Fort Varanasi )
रामनगर के किले का निर्माण सन्न 1750 ईस्वी में काशी नरेश “राजा बलवंत सिंह” के द्वारा कराया गया था, जो मुल्तानी मिट्टी के रंग वाले चुनार के बलुआ पत्थर से बना हुआ हैं। ये किला वाराणसी के गंगा घाट के सामने, गंगा नदी के पूर्वी दाहिने किनारे पर स्थित है।
यहाँ के संग्रहालय में प्राचीन ग्रन्थ, पुराण फर्नीचर, पुराणी कारे, शाही पोशाख, ज़री वस्त्र, हाथी पर बैठने की चांदी से बनी काठियां राखी हुई हैं। यहां पर एक शस्त्रागार भी है, जिसमें बर्मा (म्यांमार), जापान तथा कुछ अफ्रीकी देशों से लाई गई तलवारें एवं पुरानी बंदूकें हैं तथा खगोलीय घड़ी भी हैं।
12. तुलसी मानस मंदिर, वाराणसी ( Tulsi Manas Mandir Banaras )
तुलसी मानस मंदिर पवित्र नगरी काशी के महत्पूर्ण मंदिरो में से एक हैं। तुलसी मानस मंदिर की अपनी एक अलग ही खासियत है। तुलसी मानस मंदिर की सभी दीवारों पर रामचरितमानस के दोहे और चौपाइयां लिखी गयी हैं, और यह मंदिर इतना सुन्दर हैं की ये आप का मन मोह लेगा।
पहले यहां पे ये भव्य मंदिर नहीं था पहले यहाँ पे सिर्फ एक छोटा सा मंदिर था। ऐसा कहा जाता हैं की सन्न 1964 में कलकत्ता के एक व्यापारी सेठ रतनलाल ने तुलसी मानस मंदिर का भव्य निर्माण करवाया था। मंदिर का उद्घाटन तत्कालीन राष्ट्रपति डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के द्वारा किया गया था।
Address:- Durgakund Rd, near Jalan, Varanasi, Uttar Pradesh 221005
13. भारत माता मंदिर, वाराणसी ( Bharath Mata Mandir Varanasi )
भारत माता मंदिर “महात्मा गाँधी कशी विद्यापीठ” के परिसर में स्थित भारत माता को समर्पित है एक विशाल मानचित्र से बना हुआ मंदिर है। भारत माता मंदिर का निर्माण बाबू शिव प्रसाद गुप्ता ने करवाया था, और इसका उद्घाटन सन्न 1936 में महात्मा गांधी के द्वारा किया गया था। यहां किसी ईश्वर की मूर्ति नही है ,बल्कि अविभाजित भारत की संगमरमर पर उकेरी गई भौगोलिक मानचित्र है
भारत माता मंदिर में मौजूद ये भारत का नक्शा आजादी से पहले के अखंड भारत को दर्शाता है, भारत माता मंदिर में राष्ट्र कवि मैथलीशरण गुप्ता ने एक कविता भी लिखी थी, जो मंदिर में अभी भी नजर आती है। इस कविता का सार देशवाशियों को एकता के धागे में पिरोना है। ये जगह भी वाराणसी के एक शानदार टूरिस्ट अट्रैक्शन है।
Address:- Kamla Nagar, Guru Nanak Nagar Colony, Chetganj, thana, Varanasi, 221003
14. दीनदयाल हस्तकला संकुल, वाराणसी ( Deendayal Hasthkala Sankul )
वाराणसी के बड़ा लालपुर ( चांदमारी ) क्षेत्र में स्थित दीनदयाल हस्तकला संकुल का निर्माण मुख्य रूप से बुनकरों की हालत को सुधारने के लिए किया गया है। Varanasi Me Ghumne Ki Jagah में ये भी एक काफी खूबसूरत जगह है।
- दीनदयाल हस्तकला संकुल में आपको हाथी के दांत की कलाकृतियां, लकड़ी की बानी वस्तुएं, पीतल के बर्तन आदि देखने को मिल जायेंगे।
- यहाँ पे आपको विभिन्न प्रकार के जटिल कला वाले कालीन उनकी बुनाई आदि देखने के लिए मिल जाएगी।
- दीनदयाल हस्तकला संकुल में आपको विभिन्न प्रकार के चित्रण और कला कृतियाँ भी देखने के लिए मिल जाएगी।
- यहाँ पे आपको विभिन्न प्रकार के कपड़ो और हथकरघा का संग्रहण मिल जायेगा।
- दीनदयाल हस्तकला संकुल की दीवारों पर 3D इफ़ेक्ट के जरिये काशी के घाटों को दर्शाया गया है, काशी की गलियों का जीवन दिखाया गया है, खान पान इस तरह से चलते हुए दिखाए गए है जैसे लगता है की ये सभी चीज़े जीवंत लगती है।
Address:- Bada Lalpur, Chandmari, Varanasi, Airhe, Uttar Pradesh 221002
15. मां अन्नपूर्णा मंदिर, वाराणसी ( Maa Annapurna Mandir )
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के जस्ट बगले में ही अन्न की देवी कही जाने वाली “मां अन्नपूर्णा का मंदिर” है। माँ अन्नुपूर्ण जी तीनों लोकों की माता के रूप में माना जाता है। कहा जाता है कि इन्होंने स्वयं भोलेनाथ जी को खाना खिलाया था। इस मंदिर की दीवाल पर चित्र बने हुए हैं।
साल में सिर्फ 4 दिनों तक, धनतेरस से अन्नकूट तक माँ अन्नुपूर्णा दर्शन भक्तों को होता है। भक्तो को प्रसाद के रूप में चावल, धान का लावा और सिक्का दिया जाता है।
Address:- पंचगंगा घाट, घासी टोला, वाराणसी, डोमरी, उत्तर प्रदेश – 221001
16. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय ( Banaras Hindu University, BHU )
एशिया का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय यानी बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, जिसकी स्थापना प्रसिद्ध नेता मदन मोहन मालवीय ने की थी, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित शिक्षा मंदिर है, जो पवित्र शहर वाराणसी में स्थित है।
इस रचनात्मक और बेहतरीन विश्वविद्यालय की स्थापना महान नेता “पंडित मदन मोहन मालवीय” ने 1916 में डॉ. एनी बेसेंट जैसे महान लोगो के साथ सहयोग से की थी।
बनारस हिन्दू विश्विद्यालय BHU ने 2016 में अपनी स्थापना का 100वां साल पूरा किया हैं। इस अवसर पर बनारस हिन्दू विश्विद्यालय BHU को समर्पित RBI के द्वारा बनारस हिन्दू विश्विद्यालय के शाब्दिक वर्ष को चित्रित करके 10 रुपए का सिक्का जारी किया गया।
Address:- BHU, Ajagara, Varanasi, Uttar Pradesh 221005
17. Varanasi Me Ghumne Ki Jagah ( Places to Visit in Varanasi )
इन सभी जगहों के आलावा भी Varanasi Me Ghumne Ki Jagah बहुत सारी है , जैसे :-
- मृत्युंजय महादेव मंदिर, वाराणसी ( Mrityunjay Mahadev Temple Of Varanasi )
- राजघाट ( RajGhat Varanasi )
- बाबा काल भैरव मंदिर, वाराणसी ( Kaal Bhairav Mandir, Varanasi )
- हरिश्चंद्र घाट ( Harishchandra Ghat, varanasi )
- मान सिंह वेधशाला ( Man Mahal Observatory )
- संत रविदास स्मारक पार्क ( Sant Ravidas Smarak Park )
- धामेक स्तूप ( Dhamek Stupa, Sarnath ” Best Varanasi Me Ghumne Ki Jagah ” )
- डियर पार्क ( Sarnath Deer Park )
- सारनाथ संग्रहालय ( Sarnath Museum )
- चौखंडी स्तूप ( Chaukhandi Stupa Sarnath )
वाराणसी के कुछ रोचक तथ्य ( Amazing Fact Of Varanasi )
- बनारस को भगवान शिव के निवास स्थान के रूप में जाना जाता है।
- इस शहर में 80 से अधिक घाट हैं, सबसे प्रसिद्ध दशाश्वमेध घाट, मणिकर्णिका घाट, चेत सिंह घाट, सिंधिया घाट और अस्सी घाट हैं।
- वाराणसी अपनी बनारसी सिल्क साड़ियों के लिए भी प्रसिद्ध है, इतिहासकारों का मानना है कि वाराणसी में वैदिक काल से रेशम के काम होता आ रहा है।
- ऐसा मन जाता है, कि जो व्यक्ति कशी में अपनी अंतिम सांस लेता है, वह व्यक्ति मोक्ष को प्राप्त करता है।
- बनारस में प्रत्येक साल भगवान इंद्र जी को खुश करने के लिए बरसात आने के पहले मेंढकों की शादी अश्वमेध घाट पे की जाती है।
- बनारस में एशिया का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय है।
- वाराणसी मुंशी प्रेमचंद, तुलसीदास, भारतेन्दु हरिश्चंद्र, नज़ीर बनारसी, पंडित रविशंकर, शहनाई के उस्ताद- उस्ताद बिस्मिल्ला खान, ठुमरी की रानी- गिरिजा देवी जैसे कई महान लोगों का जन्म स्थान वाराणसी है।
- बनारस सिल्क व्यापार के लिए बहुत प्रसिद्ध है।
वाराणसी का इतिहास ( History of Varanasi , Varanasi Me Ghumne Ki Jagah )
गंगा के बाएं किनारे पर, हिंदुओं के सात पवित्र शहरों में से एक वाराणसी विश्व के प्राचीनतम बसे शहरों में से एक है। ये भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का एक प्रसिद्ध नगर है। इसे ‘बनारस’ और ‘काशी’ इन दोनों नमो से भी जाना जाता हैं, और हिन्दू धर्म में सर्वाधिक पवित्र नगरों में से एक माना जाता है।
काशी शहर को बौद्ध एवं जैन धर्म में भी एक पवित्र शहर माना गया है। वाराणसी की संस्कृति का माँ गंगा, श्री कशी विश्वनाथ मन्दिर एवं इसके धार्मिक महत्त्व से घनिस्ट रिश्ता है। वाराणसी शहर हज़ारो वर्षों से भारत का सांस्कृतिक, आधात्मिक एवं धार्मिक केन्द्र रहा है।
वाराणसी में रुकने की जगह ( Places to Stay in Varanasi )
वाराणसी घूमने जाने वाले पर्यटकों के लिए वाराणसी में रुकने की बहुत सारी व्यवस्था है। वाराणसी के लगभग सभी पर्यटक स्थलों के पास रुकने के लिए बहुत से होटल और धर्मशालाएं मिल जायँगी, जहां पे लोग एकदम आराम से रुक सकते है, और वाराणसी में होटल का किराया लगभग 1000 रुपए से 10,000 रुपए तक के मिल जायेंगे, और आप को यह पे होटल बहुत ही आराम से मिल जायेंगे।
वाराणसी में घूमने का खर्चा ( Budget To Visit In Varanasi )
अभी तक हम लोग Varanasi Me Ghumne Ki Jagah के विषय में पढ़ा, लेकिन अगर हम वाराणसी ( काशी ) में घूमने के खर्चे की बात करे, तो प्रति व्यक्ति 8,000 रुपए से 12,000 रुपए का खर्चा 3 दिन के टूर में बहुत ही आराम से आ सकता है, और आप इतने बजट में Varanasi Me Ghumne Ki Jagaho पे बिलकुल आराम से घूम सकते हैं।
वाराणसी का प्रसिद्ध भोजन ( Famous food of Varanasi )
आइए जानते हैं विस्तार से :- आज हम आपको वाराणसी के कुछ प्रशिद्ध भोजनो के बारे में बताते है :-
- कचौड़ी – सब्जी
- बनारसी पान
- रबड़ी – जलेबी
- बाटी – चोखा
- मलाई मिठाई ( मलइयो )
- कचौड़ी और जलेबी
- बनारसी ठंडाई
वाराणसी कैसे पहुंचे? ( How to Reach Varanasi )
वाराणसी, उत्तर प्रदेश के मुख्य शहरों में से एक है। आप यहा पे भारत के किसी भी कोने से बहुत ही आसानी से पहुंच सकते है । वाराणसी वह स्थान है जहाँ पे आप हवाई , सड़क या रेल मार्ग किसी से भी पहुंच सकते है । वाराणसी पहुंचने के कुछ सर्वोत्तम तरीकों को नीचे बताया गया है ।
1.फ्लाइट से वाराणसी कैसे जाएं ? ( How To Reach Banaras by Flight )
वाराणसी शहर का नजदीकी हवाई अड्डा “लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा” है। लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा वाराणसी शहर से 23 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। चूंकि यह एक इंटरनेशनल एयरपोर्ट है इस वजह से यहां के लिए भारत के तकरीबन सभी बड़े शहरों से फ्लाइट आसानी से मिल जाती है।
आप अपने यहां से फ्लाइट के माध्यम से लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पर पहुंचने के बाद यहां पर चलने वाले स्थानीय परिवहन जैसे – कैब , ऑटो रिक्शा , टैक्सी या ई- रिक्शा आदि की सहायता से आप वाराणसी बहुत ही आसानी से पहुंच सकते हैं।
2. ट्रेन से वाराणसी कैसे पहुँचे ? ( How To Reach Varanasi by Train )
आप ट्रेन से काफी आसानी से वाराणसी पहुंच सकते हैं। क्योंकि वाराणसी के नजदीकी और मुख्य रेलवे स्टेशन वाराणसी में ही स्थित वाराणसी जंक्शन है। वाराणसी जंक्शन भारत के प्रमुख रेलवे जंक्शन में से एक माना जाता है। यहां के लिए भारत के अलग-अलग बड़े शहरों से ट्रेन आसानी से मिल जाती है।
आप अपने यहां से आसानी से वाराणसी जंक्शन आ सकते है । फिर वाराणसी जंक्शन पर पहुंचने के बाद यहां पर चलने वाले स्थानीय परिवहन जैसे – कैब , ऑटो रिक्शा , टैक्सी या ई- रिक्शा आदि की सहायता से आप वाराणसी के किसी भी क्षेत्र में बहुत ही आसानी से पहुंच सकते हैं।
3. सड़क मार्ग से वाराणसी कैसे पहुँचे ? ( How To Reach Banaras by Road )
वाराणसी कई अन्य प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है, सड़क मार्ग की सहायता से अगर आप वाराणसी जाने के बारे मे सोच रहे हैं तो भी आप बिलकुल आसानी से वाराणसी सड़क मार्ग से पहुंच सकते हैं। क्योंकि वाराणसी भारत के तकरीबन सभी क्षेत्रों से सड़क मार्ग से काफी अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है तो आप आसानी से सड़क मार्ग से वाराणसी पहुंच सकते हैं।
FAQ’s ( Varanasi Me Ghumne Ki Jagah )
क्या काशी विश्वनाथ में मोबाइल की अनुमति है?
नहीं, काशी विश्वनाथ में मोबाइल ले जाने की अनुमति नहीं है।
वाराणसी का सबसे फेमस क्या है?
वाराणसी का सबसे लोकप्रिय दशाश्वमेध घाट, अस्सी घाट, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर और स्वर्वेद महामंदिर धाम है।
क्या श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रवेश निशुल्क है?
हां। काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रवेश निशुल्क है।
वाराणसी में घूमने के लिए कितने दिन चाहिए?
अगर आप वाराणसी में अच्छे से घूमना चाहते है, तो कम से कम तीन दिन तो लग ही जायेंगे।
वाराणसी घूमने का सबसे अच्छा समय क्या है?
वाराणसी घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से फरवरी के महीनों के बीच है।
Conclusion :- ( Varanasi Me Ghumne Ki Jagah )
हमने इस पोस्ट में आपको Varanasi Me Ghumne Ki Jagah के बारे में बहुत ही विस्तार से बताया है और हमे आशा है की आपको इस पोस्ट को पढ़ने के बाद सारनाथ के बारे में बहुत जानकारी मिली होगी। अगर आपको यह पोस्ट पढ़ने में अच्छा लगा होगा तो आप इसे अपने दोस्तों और फॅमिलूमेम्बर में शेयर भी कर सकते है । धन्यवाद ………….🙏
” वाराणसी के कण-कण में भक्ति है, और जो एक बार यहाँ आया, बस यहीं का हो जाता है। “
।।हर हर महादेव।।
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